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Sunday, January 13, 2019

संत सेना महाराजांचे जन्मस्थळ .

                                                       
संत सेना महाराजांचे जन्मस्थळ.

जन्मस्थळ :- 

           संयुक्त  बुंदेल  खंडात  रेवा  नावाचे  संस्थान  आहे.  बांधवगड  त्या  संस्थानची  राजधानी  आहे.  लोहमार्गाच्या  इलाहाबाद  जबलपुर  फाट्यावर  कटनी  नावाचे  लोहमार्गाचे  बहुमार्गी  स्थानक  आहे.  तेथून  विलासपुरला  एक  लोहमार्ग  फाटा  गेलेला  आहे.  त्या  फाट्यावर  उमरिया  नावाचे  स्थानक  आहे.  त्या  स्थानकपासून  ईशान्येस  १८  मैलावर  बांधवगड  किल्ला  आहे.  मधला  भाग  डोंगराळ  व  दलदलीचा  आहे.  तेथे  श्री संत सेना  महाराजांचा  जन्म  झाला.

संत सेना महाराजांचे जन्मस्थळ .
sant sena maharaj



सेनाजी  हे  भीष्माचार्यांचा  अवतार :-

                श्री  संत  सेना   महाराज  हे  भीष्माचार्यांचे  अवतार  मानले  जातात.  महाभारतात  भीष्माचार्यांचे  स्थान  अतिश्रेष्ठ  आहे.  पित्याच्या  इच्छापुर्तीसाठी  त्यानी  आजन्म  ब्रम्हचर्य  व्रताचे  पालन  केले.  राज्याची  अभिलाषा  सोडून  त्यांनी  हस्तिनापुरचा  निष्ठावान  सेवक  म्हणून  कामगिरी  बजावली  भीष्माचार्यानी  त्यांच्या  आजन्म  ब्रम्हचर्य  जीवनाने,  उच्च,  उदात्त,  उदार  वृत्तीने,  सेवेने  अजरामर  झाले.  हस्तिनापूरचा  सेनापती,  मंत्री,  राजगुरु,  म्हणून  त्यांचा  नावलौकिक  झाला.  असा  हा  दैवी  दैदीप्यमान  आत्मा  श्री संत  सेना   महाराज  म्हणून  जन्माला  आला,  याला  पुरावा  म्हणून  अगस्त्य  संहितेतील  एक  श्लोक  देत  आहे.
   
                भिष्मः  सेनाभिधो  नाम  तुलाया  रविवासरे ।
                द्वादशा  माधवे  कृष्णे  पुर्वाभाद्रपदेच  में ।
                तदीयाधने  सवतो  ब्रम्हयोगे - जनिष्यति ।

अर्थ - 

          वैशाख  वध  द्वादशी, रविवार,  पुर्वाभाद्रपद  नक्षत्र,  ब्रम्हयोग  तुळरास  या  दिवशी  भगवत  भक्तांच्या  आराधनेला  वश  होवून  भीष्माचार्याणि  जन्म  घेतला  सेनाजी  हे  त्यांचे  नाव.