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Thursday, January 17, 2019

संत सेना महाराज यांना आचार्य रामानंदाचे दर्शन .

                                                              

संत सेना महाराज यांना आचार्य रामानंदाचे दर्शन . 

संत सेना महाराज यांना आचार्य रामानंदाचे दर्शन .
sant sena maharaj



                  एकदा  सेनाजींचे  वडील  देवीदास  हे  राजदरबारी  गेले होते.  त्यावेळी  त्यांचे  गुरु  रामानंद  त्यांचेकडे  आले.  तेव्हा  देवीदासांनी  सेनाजींना  रामानंदाची  व्यवस्था  पाहण्यास  सांगितले  आणि  ते  नेहमी  प्रमाणे  राजवाड्यावर  गेले.  सेनाजींनी  रामानंदाचे   स्वागत केले.  त्यांच्या  चरणावर  माथा  ठेवून  त्यांना  साष्टांग  नमस्कार  केला.  त्यांना  आसनावर  नेवून  बसविले.  सेनाजींचे  वय  लहान  आणि  प्रौढास   लाजविणारे  वर्तन  पाहून   रामानंदाचे  मन  समाधान  पावले  आचार्यांस  सेनाजींनी  कितीतरी  प्रश्न  विचारले. 
                 धर्म  व  ईश्वर  च्यासंबधी  त्यांच्यात  संभाषण  सुरु  झाले.  त्यांना  सेनाजी  हे  कोणी  थोर  महात्मा  देवीदासांच्या   पोटी  जन्माला  आले  आहेत  याची  खुणगाठ  पटली,  सेनाजींचे  वडील  देवीदास  आपले  राजवाड्यातील  कर्तव्य  कर्म  बजावून  आपल्या  घरी  आले  त्यांनी  सेनाजींनी   आचार्य  रामानंदाची  केलेली  व्यवस्था  पाहून  संतोष  व्यक्त  केला.  आपल्या  मुलानेही  रामानंदाचे  शिष्यत्व  पत्करावे  अशी  मनिषा  व्यक्त  केली.  आणि  आचार्याना  सेनाजीस  अनुग्रह  देण्याबद्दल  विनंती  केली.  रामानंदाना  अतिशय  आनंद  झाला  आणि  गुरु - शिष्यास  परस्परांचे  आतंरिक  दर्शन  झाले.  दृष्टीभेट  झाली  ओळख  पटली.